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न जाने
क्या चाहती है
मुझसे
ये ज़िन्दगी।
जब भी
कोई कदम बढ़ाया है
ज़हन
में एक सवाल छोड़कर
उसका
जवाब चाहती है
मुझसे
ये ज़िन्दगी।
मेरी
हर चाहत को तोड़ा है इसने
मेरा
एक हमदर्द बनकर
उसके
बदले मेरे आंसू चाहती है
मुझसे
ये ज़िन्दगी।
जब भी
मैं सोचती हूँ इसके बारे में
तो दिल
से यही दुआ निकली है
मिल जाए
इसे जो ये चाहती है
मुझसे
ये ज़िन्दगी।
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